जब जब दर्द का बादल छाया
जब ग़म का साया लेहराया
जब आँसू पलकों तक आया
जब ये तनहा दिल घबराया
हमे दिल को ये समझाया
दिल आखिर तू क्यों रोता है
दुनिया में यूँ ही होता है
ये जो गहरे सन्नाटे है
वक़्त ने सबको ही बांटे है
धोड़ा ग़म है सबका किस्सा
धोड़ी धुप है सबका हिस्सा
आँख तेरी बेकार ही नम है
हर पल एक नया मौसम है
फिर क्यों तू ऐसे पल खोता है
दिल आखिर तू क्यों रोता है
जब ग़म का साया लेहराया
जब आँसू पलकों तक आया
जब ये तनहा दिल घबराया
हमे दिल को ये समझाया
दिल आखिर तू क्यों रोता है
दुनिया में यूँ ही होता है
ये जो गहरे सन्नाटे है
वक़्त ने सबको ही बांटे है
धोड़ा ग़म है सबका किस्सा
धोड़ी धुप है सबका हिस्सा
आँख तेरी बेकार ही नम है
हर पल एक नया मौसम है
फिर क्यों तू ऐसे पल खोता है
दिल आखिर तू क्यों रोता है
1 comment:
🤔
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